चंडीगढ़ 10 दिसंबर 2024(गर्ग) :शंभू बॉर्डर पर किसानों के धरने और दिल्ली कूच को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया के शंभू बॉर्डर जाने के ऐलान पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने कड़ा जवाब देते हुए उन्हें बांग्लादेश जाकर वहां हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को देखने की सलाह दी है।
मंत्री बेदी ने कहा, “बजरंग पूनिया कांग्रेस के नेता हैं, उन्हें शंभू बॉर्डर जाने से कोई नहीं रोक रहा, लेकिन उन्हें एक बार बांग्लादेश भी जाकर देखना चाहिए कि वहां हिंदुओं पर कैसे अत्याचार हो रहे हैं।”
शंभू बॉर्डर पर राजनीति गर्माई
बेदी ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, और कुमारी शैलजा अब बोलना बंद कर चुके हैं और अब बजरंग पूनिया ने बोलना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की बिनैन खाप और अन्य खाप पंचायतें भी मानती हैं कि प्रदेश और केंद्र सरकार ने किसानों के लिए जितना काम किया है, उतना किसी ने नहीं किया।
मंत्री ने यह भी कहा कि हरियाणा के किसान संगठन इस आंदोलन का समर्थन नहीं कर रहे। उन्होंने कहा, “अगर बजरंग पूनिया जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं। यह भारत एक आजाद देश है। कोई भी कहीं जा सकता है।”
वन नेशन, वन इलेक्शन पर बेदी का बयान
कृष्ण बेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन नेशन, वन इलेक्शन के विजन की सराहना करते हुए कहा, “2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने यह कहा था कि देश में एक ही चुनाव होना चाहिए। इससे समय, पैसा और अन्य संसाधन बचते हैं। बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं। मुझे उम्मीद है कि इसी सेशन में यह बिल आएगा और सब इसका समर्थन करेंगे।”
विपक्ष पर तीखा हमला
कांग्रेस की ओर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर बेदी ने कहा, “कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी भी लंबे समय तक रही, लेकिन उसने हमेशा रचनात्मक सहयोग दिया। कांग्रेस को विपक्ष रास नहीं आ रहा है, इसलिए वह ऐसे प्रस्ताव ला रही है।”
ईवीएम पर कांग्रेस की याचिका का जवाब:
कृष्ण बेदी ने कांग्रेस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम को लेकर दायर याचिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि झारखंड, हरियाणा, और अन्य राज्यों में वह चुनाव कैसे जीत गई? कांग्रेस हमेशा ‘कड़वा-कड़वा थू थू, मीठा-मीठा गप गप’ करती है। जनता ने उन्हें नकार दिया है, और अब वह ईवीएम पर रोने का बहाना ढूंढ रही है।”