मुख्यमंत्री हरियाणा ने गांवों में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की घोषणा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता को महत्व दिया है। इसके तहत जिले के जो गांव महाग्राम योजना में आते हैं, उनमें ठोस कचरा प्रबंधन की पहले ही घोषणा हो जा चुकी है। अब जिन गांवों की जनसंख्या 7100 से ज्यादा होगी, उन गांवों में भी यह योजना लागू की जाएगी। इसके तहत कचरे का सही निस्तारण हो सकेगा तथा गांवों में सफाई हो सकेगी। कचरे का सही प्रबंधन नहीं होने के कारण जिन ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं, वह शहरों की तरह साफ दिखाई देंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क किनारे लगे गंदगी के ढेर।
जिले में लगभग आठ गांवों की जनसंख्या 10 हजार से ज्यादा है। इनमें छात्तर, खरल, मुआना, सिंघाना, हाट, नगूरा, अलेवा, बेलरखां जैसे बड़े गांव शामिल हैं। इन गांव में ग्राम पंचायतों को हॉपर टिपर डंपरों को खरीदने की अनुमति दी गई है। इन्हें ड्राइवर-कम-वेस्ट कलेक्टर उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र में सफाई हो सकेगी तथा कचरे का सही प्रबंधन होगा। इन गांवों में पहले ही सरकार ने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र लगाने के निर्देश दिए हुए हैं। संग्रहण के बाद ठोस अपशिष्ट के उचित प्रबंधन के लिए 10,000 और उससे अधिक की आबादी वाले सभी महाग्रामों की ग्राम पंचायतों में अपशिष्ट प्रबंधन शेड का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा 50 ऐसे गांव हैं, जिनकी आबादी 7100 से अधिक है। इन गांवों में ग्राम पंचायतों का विस्तार किया जाएगा और अपशिष्ट प्रबंधन की संस्थागत प्रणाली लागू की जाएगी। इससे भी कचरे का उचित निस्तारण हो सकेगा।