केंद्रीय मंत्रियों के साथ रविवार की शाम पंजाब के किसान संगठनों की वार्ता असफल रही तो हरियाणा के किसान संगठन और खाप पंचायतें भी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगी। यही नहीं आंदोलन में दिल्ली के किसानों का भी साथ लिया जाएगा। यह निर्णय भाकियू चढ़ूनी गुट की ओर से कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर बुलाई गई महापंचायत में लिया गया है। तय किया गया कि प्रदेश की ओर से यह लड़ाई भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की अगुवाई में लड़ी जाएगी, जबकि दिल्ली की खापों और वहां के किसानों के साथ आंदोलन की रणनीति धनखड़ खाप के प्रधान डॉ. ओमप्रकाश धनखड़ की अगुवाई में चार सदस्यीय कमेटी द्वारा बनाई जाएगी। महापंचायत में विभिन्न किसान संगठनों के अलावा, धनखड़, कादियान व हुड्डा खापों के साथ-साथ विभिन्न संगठन भी शामिल हुए, जहां हाथ खड़े कर उक्त फैसलों पर सहमति जताई गई।
महापंचायत के बाद गुरनाम चढूनी और सर्वखाप पंचायत के समन्वयक डॉ. ओमप्रकाश धनखड़ ने संयुक्त रूप से बताया कि सभी संगठनों के प्रतिनिधियों का वाट्सअप ग्रुप बनाया जाएगा। रविवार को होने वाली सरकार के साथ वार्ता विफल रहने पर सभी को मोबाइल पर ही संपर्क कर अगले दिन सोमवार को ही बड़े आंदोलन की रुपरेखा बनाते हुए किसानों की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि शंभू बार्डर पर आंदोलनरत किसानों ने उन्हें कॉल नहीं किया, लेकिन इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता। सभी किसान एक हैं और एमएसपी सहित सभी की मांगें भी एक ही हैं। इसके लिए हर किसान को लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि वे आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों के समर्थन में ही आंदोलन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रविवार देर शाम होने वाली वार्ता विफल होने पर आंदोलन के लिए पूरे प्रदेश में कॉल की जाएगी, जिसके बाद दिल्ली कूच किया जाएगा। सरकार ने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली नहीं जाने दिया तो दिल्ली के ही किसानों के साथ मिलकर दिल्ली को घेराव किया जाएगा।