कर दी है। पौध तैयार करने के लिए इस बार हिसार के बिठमड़ा नर्सरी से 3.65 लाख कलम मंगवाई है। इसके लिए छह नर्सरियां बनाई गई हैं, जिनमें कलम से पौध तैयार की जाएगी।
वन विभाग इस बार जिले के लिए 3.65 लाख की पौध तैयार करने जा रहा है। यह पौधे गांव की सामलात जमीन, सड़क व नहरों के किनारे, स्कूल, कॉलेज प्रांगण, सरकारी कार्यालयों के परिसरों में लगाए जाने हैं। इसके अलावा आम लोगों को भी जरूरत के अनुसार पौधे वितरित किए जाते हैं।
आज के समय पर्यावरण प्रदूषण विकट समस्या बनी है। पेड़ों की संख्या लगातार घट रही है। सड़कों की चौड़ाई बढ़ने और नए रेलमार्ग बनने की वजह से राज्य के विभिन्न जिलों से लाखों की संख्या में पेड़ों की कटाई मजबूरीवश करनी पड़ती है। इनके बदले नए पौधे लगाना और उनका रख रखाव करना बड़ा मुश्किल कार्य होता है। जितने पौधे रोपित होते हैं, उनमें से मुश्किल से 45 प्रतिशत ही पेड़ बन पाते हैं।
जिले में यहां बनाई गई हैं नर्सरी
वन विभाग ने आने वाले मानसून सीजन के लिए जिले में छह स्थानों पर पौध नर्सरी लगाने का काम शुरू कर दिया हैं। गांव बरसाना में लोहारू नहर के समीप और गांव रामनगर-कपूरी में बधवाना नहर के समीप पौध नर्सरी लगा जा रही है। इसी प्रकार जिले के बाढड़ा, बिंद्रावन, कमोद, नीमड़ बडेसरा गांवों में नर्सरियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पौध नर्सरियों में टाल ट्री भी तैयार होंगे। यह पौध जून माह तक तैयार हो जाएगी। आगामी जुलाई में बारिश सीजन आते ही विभाग पौधरोपण अभियान शुरू कर देगा।