चेक बाउंस मामले में कोर्ट ने आरोपी को डेढ़ साल की सजा सुनाई है। साथ ही 40 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया। इतना ही नहीं अगर दोषी ने एक महीने के भीतर 40 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर अदा नहीं किए तो दो महीने की अतिरिक्त सजा होगी। आरोप है कि ठेकेदारी करने वाले रमन कुमार कांबोज निवासी चौरा, हाल निवासी सेक्टर पार्ट-2 ने 2009 में 33 लाख रुपये करनाल के बदरपुर गांव निवासी उधम सिंह, जो अब हैफेड के जिला प्रबंधक हैं से उधार लिए थे, लेकिन जब रुपये और गारंटी के तौर पर इतनी ही रकम का चेक दिया था, जो कि बाद में बाउंस हो गया था। इसके बाद वर्ष 2010 में चेक बाउंस होने का केस कोर्ट में किया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता भूपिंद्र कुमार जिंदल ने बताया कि शिकायतकर्ता उधम सिंह की तरफ से उन्होंने वर्ष 2015 में केस दायर किया गया था। शिकायतकर्ता से आरोपी रमन ने 2009 में 33 लाख रुपये उधार लिए थे और गारंटी के तौर इतनी ही रकम का चेक दिया था। चेक बाउंस होने पर बदरपुर निवासी उधम सिंह ने 2010 में कोर्ट में केस दायर किया। वर्ष 2014 में रमन कुमार ने एक पंचायती समझौता कर लिया। इसके आधार पर कोर्ट से केस वापस ले लिया गया।
इसके बाद आरोपी ने 30 लाख रुपये का एक और चेक दिया, वह भी फिर बाउंस हो गया। इसके बाद पीड़ित ने इंद्री कोर्ट में वर्ष 2015 में दोबारा केस दायर किया। उन्होंने बताया कि उपमंडल इंद्री स्थित न्यायाधीश मधुर बजाज की कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में आरोपी सेक्टर-8 निवासी रमन कुमार कांबोज को दोषी मानते हुए डेढ़ साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि एक महीने में शिकायतकर्ता बदरपुर निवासी उधम सिंह को 40 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर अदा करने होंगे। समय पर राशि का भुगतान न करने पर दो महीने की अतिरिक्त सजा होगी।