लोकसभा ने अखबार, पत्रिका आदि निकालने वाले लोगों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने वाले ‘प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक 2023’ को गुरुवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इस विधेयक को राज्यसभा मानसून सत्र में ही पारित कर चुकी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ने प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक 2023 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पंजीकरण के लिए लोगों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे और जिला अधिकारी की अनुमति का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब इसे आसान बना दिया गया है और जो बेवजह की बाधाएं इसमें थीं उन सभी कानूनों को हटा दिया गया है। RNI का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा अब ऑनलाइन घोषणा पत्र के माध्यम से अखबार निकालने के इच्छुक लोग आरएनआई का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में पुराने संसद भवन हो या नया संसद भवन हो इनमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल कर नए भारत के लिए नए कानून बनाने का जो शानदार काम हुआ है, इसके लिए वह प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं।
अगर किसी पत्रिका या पत्र को दो साल तक नहीं चलाया जाता है तो उसे इसे कैंसिल किया जा सकता है। इसी तरह से यदि एक ही नाम से दो राज्यों में समाचार पत्र चल रहे हैं तो उनको एक ही जगह चलाने का आनएनआई आदेश दे सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को भी पत्रकारों की मदद करनी चाहिए।
कोविड के समय पीड़ति परिजनों को पांच लाख रुपए की मदद दी गई थी। सरकार ने नई व्यवस्था में पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन को सालाना विवरण अपने घर से ही ऑन लाइन कराने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।