हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि हरियाणा और पंजाब के मध्य चले आ रहे एस.वाई.एल. मामले को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत की अध्यक्षता में 28 दिसम्बर को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रियान्वयन करने में गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि हरियाणा में एस.वाई.एल. नहर का निर्माण कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इसके लिए केंद्र सरकार नोडल एजैंसी नियुक्त कर सकती है। पंजाब सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आगे बढऩे में दिलचस्पी नहीं दिखाए जाने के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है।
असली मुद्दा पानी के बंटवारे का नहीं, बल्कि syl नहर के बनाने का: मनोहर लाल
मनोहर लाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एस.वाई.एल. नहर का निर्माण होना है तो होकर रहेगा। इसमें किसी तरह का कोई शक नहीं है। पंजाब बार-बार यह कहकर एस.वाई.एल. नहर के निर्माण से भागता है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है, लेकिन असली मुद्दा पानी के बंटवारे का नहीं, बल्कि एस.वाई.एल. नहर के बनाने का है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पानी का बंटवारा 2025 में ट्रिब्यूनल की बैठक में होगा, जिसमें कई राज्य शामिल होंगे। हम किसी से पानी नहीं छीन सकते। पानी का बंटवारा राज्यों की जरूरत और पानी की उपलब्धता पर होता है। हरियाणा ने यह कभी नहीं कहा कि हमें पूर्व के बंटवारे के हिसाब से ही पानी चाहिए। पानी के बंटवारे में कम ज्यादा हो सकता है और यह बाद का विषय है लेकिन पहला विषय एस.वाई.एल. नहर के निर्माण का है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में हरियाणा के हक में फैसला दे रखा है, जिसे लागू कराए जाने की जरूरत है।