डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 21 दिन की फरलो के बाद बुधवार शाम को रोहतक की सुनारिया जेल में वापस लौट आया। उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां लाया गया। डेरा प्रमुख को राजस्थान चुनाव में मतदान से 4 दिन पहले 21 दिन की फरलो मिली थी। फरलो की अवधि के दौरान वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहा। इससे पहले 20 जुलाई को 30 दिन की पैरोल और इसी साल 21 जनवरी को 40 दिन की पैरोल मिली थी।
राजस्थान चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को फरलो मिलने पर सवाल भी उठे थे। दरअसल डेरा सच्चा सौदा का राजस्थान के कई जिलों में प्रभाव है। ऐसे में माना गया कि फरलो की अवधि के दौरान उन्होंने वोटिंग के संबंध में डेरा अनुयायियों को दिशा दिए। हालांकि किसी भी सजायाफ्ता कैदी के लिए पैरोल या फरलो मिलना उसका कानूनी अधिकार है।
बता दे, गुरमीत राम रहीम को 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई है। राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारिया जेल में लाया गया था। पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी। इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए उसे सुनारिया जेल लाया गया।