हरियाणा के पलवल जिले में पुलिस ने फर्जी एसडीएम बनकर नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पहले स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत था लेकिन उसे पैसे की भूख इस इस ठगी के धंधे में ले आई। फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को धोखा देने के आरोपी विकास सिंह से रिमांड के दौरान पुलिस ने 9 डेबिट कार्ड, दो मोबाइल और लैपटॉप बरामद किए हैं।
डीएसपी सुरेश कुमार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ 2022 में हथीन थाना में कोमल नामक पीड़ित ने 19 लाख रुपए लेने का केस दर्ज कराया था। यह धनराशि नैशनल सैंपल सर्विस में पांच लोगों को नौकरी दिलाने ने का झांसा देकर ली थी। आरोपी ने पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र, प्रशिक्षण पत्र एवं जॉइनिंग लेटर भी बनाकर दिए थे। इस आधार पर हथीन पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।जांच के दौरान आरोपी ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत कराने का प्रयास किया।
जांच में सामने आया कि आरोपी पहले भी कई लोगों के साथ नौकरी लगने के नाम पर ठगी कर चुका है। आरोपी पहले आयुष्मान विभाग में नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था और एक ठगी के मामले में हाई कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद फरार चल रहा था। पुलिस को आरोपी के पास से बिहार राज्य का एसडीएम आई कार्ड भी बरामद हुआ है।
भागलपुर एसडीएम का फर्जी पहचान पत्र बनवाया
डीएसपी ने बताया कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि सभी दस्तावेज उसने खुद बनाए थे। उसने किसी अन्य के इस मामले में शामिल होने से इनकार किया है। विकास सिंह अपने आपको बिहार के भागलपुर में एसडीएम के रूप में पदस्थ बताता था। भागलपुर एसडीएम का फर्जी पहचान पत्र बनवाया था। उसी के आधार पर लोगों को प्रभावित करता था। डीएसपी ने बताया कि आरोपी को दो दिन के रिमांड के बाद स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।