प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले कम से कम 912 स्मृति चिन्ह ई-नीलामी के लिए रखे गए हैं। लोग इन्हें खरीदने के लिए ऑनलाइन बोली लगा सकते हैं। यह ई-नीलामी दो अक्टूबर को शुरू हुई थी जो कि 31 अक्टूबर तक चलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों से आह्वान किया कि वे उन्हें मिले विभिन्न उपहारों और स्मृति चिह्नों की नीलामी में शामिल हों और बोली लगाएं। नीलामी के लिए इन वस्तुओं को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में रखा गया है।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने हाल ही में बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी को मिले स्मृति चिह्नों और उपहारों की ई-नीलामी को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने बताया कि इससे मिलने वाला धन ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम (गंगा के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख पहल) में जाएगा। यह गंगा नदी को पुनर्जीवित करने की एक परियोजना है।
नीलामी में शामिल वस्तुओं में रामदरबार की प्रतिमा, अमृतसर के स्वर्णमंदिर का मॉडल, कामधेनु और यरूशलम की स्मारिका, भगवान लक्ष्मी नारायण विट्ठल, देवी रूक्मिणी, अरणमूला कन्नडी, भगवान राम, सीता, लक्ष्मी और हनुमान की कांस्य प्रतिमा भी लोकप्रिय सामान में सबसे प्रमुख हैं। मोढेरा का सूर्य मंदिर, चितौड़गढ़ के विजय स्तंभ की प्रतिकृतियां, चंबा रूमाल, वाराणसी के घाट को दर्शाने वाली पेंटिंग उन 912 सामान में शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री को मिले उपहारों और स्मृतिचिह्नों की ई-नीलामी के नवीनतम दौर में शामिल किया गया है।
बनारस के घाटों पर बनी एक कलाकृति ने सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। प्रसिद्ध कलाकार परेश मैती द्वारा पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में घाटों की यह खूबसूरत कलाकृति प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त सबसे अधिक मांग वाला उपहार है। यह दिल्ली में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट्स में नीलामी के लिए रखी है और आखिरी गणना में इसे 75 लाख रुपये की बोली मिली थी।