प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विजय दशमी के अवसर पर समाज को नुकसान पहुंचाने वाले जातिवाद और क्षेत्रवाद को खत्म करने का आह्वान किया, साथ ही कहा कि भारत में हथियारों की पूजा दूसरों की जमीन पर कब्जा करने के लिए नहीं, बल्कि अपनी जमीन की रक्षा के लिए की जाती है।
राष्ट्रीय राजधानी के द्वारका में एक रामलीला समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने धैर्य के माध्यम से सद्भाव बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “विजय दशमी के दिन ‘शस्त्र पूजा’ की भी परंपरा है। भारत की धरती पर हथियारों की पूजा किसी भूमि पर प्रभुत्व के लिए नहीं, बल्कि अपनी भूमि की रक्षा के लिए की जाती है। हमारी शक्ति पूजा सिर्फ हमारे लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के कल्याण के लिए है।”
उन्होंने कहा, “आज, ‘रावण दहन’ केवल एक पुतला जलाने के बारे में नहीं होना चाहिए, बल्कि उन ताकतों के बारे में भी होना चाहिए जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर ‘मां भारती’ को विभाजित करने की कोशिश करते हैं।”
पीएम मोदी ने लोगों से कम से कम एक गरीब परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने सहित 10 प्रतिज्ञाएं लेने का आग्रह किया।
अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”हम भाग्यशाली हैं कि हम राम मंदिर का निर्माण देख पाएंगे और अयोध्या में अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजने वाला हर स्वर दुनिया में खुशी लाएगा। राम मंदिर में भगवान राम के विराजमान होने में कुछ ही महीने बचे हैं। भगवान राम का आगमन बस होने वाला है। यह हमारे धैर्य की जीत का संकेत है।”