हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एक साल से अधिक समय से लंबित प्राथमिकियों में कथित अपर्याप्त कार्रवाई को लेकर राज्यभर में 372 जांच अधिकारियों (आईओ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का सोमवार को निर्देश दिया।
विज ने लंबित मामलों को एक महीने के भीतर अंतिम निस्तारण के लिए संबंधित पुलिस उपाधीक्षकों को भेजने के लिए भी कहा है। मंत्री ने कहा कि ऐसा न करने पर उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इतनी अधिक संख्या में पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश जारी करने के अभूतपूर्व कदम को उचित ठहराते हुए, विज ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोग दर-दर भटक रहे थे…मैं काफी समय से अधिकारियों से लंबित मामलों को निपटाने के लिए कह रहा था…यह एक गंभीर मुद्दा है।’’
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को संबोधित एक पत्र में विज ने राज्य के विभिन्न जिलों में 372 आईओ को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। इनमें सिरसा से 66, गुरुग्राम से 60, यमुनानगर से 57, फरीदाबाद से 32, करनाल से 31, रोहतक से 31, अंबाला से 30, जींद से 24, हिसार से 14, पंचकुला से 10, सोनीपत से नौ, रेवाड़ी से पांच और पानीपत से तीन आईओ शामिल हैं।
विज ने पत्र में कहा, ‘‘मैंने राज्य में दर्ज प्राथमिकियों के शीघ्र निपटान के लिए कई बार कहा। पिछले महीने, मैंने आदेश दिया था कि उन सभी आईओ से स्पष्टीकरण मांगा जाए, जिन्होंने एक साल में प्राथमिकियों का निपटान नहीं किया है।’’गृह मंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों की संख्या 3,000 से ऊपर है।
विज ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर दुख हुआ कि मेरे निर्देश के बावजूद, अभी भी 372 आईओ ऐसे हैं जिन्होंने मामलों का निपटान नहीं किया है और उनके द्वारा बताए गए कारण संतोषजनक नहीं हैं।’’