हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। खट्टर सरकार ने प्रदेश के सभी गांव ‘लाल डोरा मुक्त’ घोषित कर दिए है। सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों को ‘लाल डोरा मुक्त योजना’ के अंतर्गत मुक्त घोषित किया है।
यानी अब लोगों को अपनी संपत्तियों पर मालिकाना हक मिलेगा।
इस संबंध में हरियाणा सरकार की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रदेश के सभी गांव लाल डोरा मुक्त घोषित कर दिए गए है। जिसके बाद पहली बार गांवों में लाल डोरा के भीतर लोगों को मालिकाना हक मिला। इतना ही नहीं, जमीन की फर्द को भी सरकार ने ऑनलाइन कर दिया है, जिससे आम जनता को अब कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
लाल डोरा मुक्त योजना पूरे देश में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के रुप में लागू हो गई है। अब तक 3613 गांवों की 4 लाख 62 हजार संपत्तियों की रजिस्ट्री हो चुकी है। इतना ही नहीं, 6,620 गांवों में 25,17,266 मालिकाना हक दिए गए है। बता दें कि पीएम मोदी ने कहा था कि स्वामित्व योजना, सिर्फ कानूनी दस्तावेज देने की योजनाभर नहीं है।
बल्कि, ये आधुनिक टेक्नॉलॉजी से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र भी है। ‘गांव-मोहल्ले’ में ये जो ड्रोन उड़ रहा है वो भारत के गांवों को नई उड़ान देने वाला है। बता दें कि संपत्ति लाल डोरा से मुक्त होने का सबसे बड़ा फायद यह है कि अनियोजित ढंग से रह रहे लोगों को अपनी संपत्तियों का मालिकाना हक मिल गया।
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इतना ही नहीं, वह अपनी प्रापर्टी का पंजीकरण कराने के साथ ही उसकी खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। संपत्तियों के लाल डोरा मुक्त होने के बाद उनकी कीमत एकाएक बढ़ जाएगी तथा उन पर लोन भी लिया जा सकेगा। गौरतलब है कि लाल डोरा सिस्टम को अंग्रेजों ने सन 1908 में बनाया था। उस समय रेवेन्यू रिकार्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींच दी जाती थी।