हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आज यानी (17 अक्टूबर) को हिमाचल पथ परिवहन निगम की 154वीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक हुई। हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) अपनी स्थापना के 50 साल पूरे कर चुका है। इस 50 साल के अंतराल में जन सेवा के भाव से एचआरटीसी की बसें 21 करोड़ किलोमीटर तक चली हैं।
अपने गोल्डन जुबली वर्ष में एचआरटीसी अब आधुनिकीकरण की तरफ बढ़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रबंधन ने एचआरटीसी का कैलेंडर तैयार करने का फैसला लिया है. इस कैलेंडर में साल भर की गतिविधियों को तय कर काम किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार ने कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा देने का फैसला किया है। इसमें कर्मचारियों के तीन करोड़ रुपए के लंबित महंगाई भत्ते को एक किस्त में भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा सितंबर 2023 तक शर्तें पूरी कर चुके कर्मियों को रेगुलर करने का फैसला लिया गया है। हिमाचल परिवहन निगम के ड्राइवर-कंडक्टर को छुट्टियों के बदले पैसे देने का भी फैसला लिया गया है।
सरकार की लीव एनकैशमेंट की इस सुविधा से कर्मचारियों को काफी सुविधा होगी. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री में बताया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के सभी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम के दायरे में लाने का भी फैसला लिया गया है. इसके अलावा सरकार जल्द कमीशन के माध्यम से 300 कंडक्टरों की भर्ती भी करने जा रही है।
‘खर्च घटाओ, आय बढ़ाओ’ की नीति पर काम
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम को ऐसे 100 रूट आईडेंटिफाई करने के लिए कहा गया है, जहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार वृंदावन, अयोध्या, खाटू श्याम के अलावा अन्य स्थानों के लिए भी बसें चल रही है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम ‘खर्च घटाओ, आय बढ़ाओ’ की नीति पर काम कर रही है। फिलहाल हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम का हर महीने का खर्च 145 करोड़ रुपए है, जबकि आय सिर्फ 75 करोड़ रुपए. ऐसे में निगम को हर महीने करीब 70 करोड़ रुपए का नुकसान होता है. सरकार इस नुकसान को कम करने की दिशा में काम कर रही है।