हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सतलुज यमुना लिंक को लेकर पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र लिखा है। सीएम ने पत्र में कहा है कि वे एसवाईएल नहर के निर्माण के रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा या मुद्दे को हल करने के लिए उनसे मिलने को तैयार हैं। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने 3 अक्टूबर को हरियाणा सीएम खट्टर को पत्र लिखा था और इस मुद्दे को लेकर द्विपक्षीय बैठक करने के लिए समय मांगा था।
वहीं 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले आदेश दिया था कि पंजाब में एसवाईएल का कितना निर्माण हुआ है, इसका सर्वे केंद्र सरकार करवाए. इससे पहले दोनों के बीच आखिरी बार 14 अक्टूबर, 2022 को द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इसके बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने 4 जनवरी 2023 को दूसरे दौर की चर्चा की, जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।
गौरतलब है कि एसवाईएल को लेकर पंजाब में इन दिनों जमकर राजनीति हो रही है। सीएम मान ने हाल ही सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा कि किसी भी कीमत पर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी किसी भी राज्य को नहीं दिया जाएगा।
क्या है एसवाईएल विवाद?
एसवाईएल नहर की परिकल्पना रावी और ब्यास नदियों से पानी के प्रभावी आवंटन के लिए की गई थी. इस परियोजना में 214 किलोमीटर लंबी नहर की परिकल्पना की गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर पंजाब में और 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी। हरियाणा ने अपने क्षेत्र में इस परियोजना को पूरा कर लिया है, लेकिन पंजाब, जिसने 1982 में निर्माण कार्य शुरू किया था, ने बाद में इसे रोक दिया।