चंडीगढ,8जनवरी। गुरूग्राम की जिला अदालत ने रयान इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की पिछले आठ सितम्बर को हत्या कर दिए जाने के मामले में अभियुक्त 16 वर्षीय छात्र की जमानत अर्जी सोमवार को खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसवीर सिंह कुंडू ने अभियुक्त छात्र की जमानत अर्जी खारिज करते हुए आधारहीन वाद पेश कर अदालत का समय बर्बाद करने के लिए 21 हजार रूपए जुर्माना भी लगाया। अदालत ने अभियुक्त के पिता को आदेश दिया कि वे जुर्माने के 21 हजार रूपए जमा करवायें। अदालत ने कहा कि अभियुक्त पक्ष के व्यवहार से लगता है कि वह अदालत की कार्यवाही को मौज की तरह महसूस कर रहा है। आधारहीन वाद पेश कर अदालत का कीमती समय बर्बाद किया जा रहा है। इस तरह सात सुनवाई में अदालत का समय बर्बाद किया गया है।
अदालत ने कहा कि पिछले 15 दिसम्बर के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश में कोई अनियमितता,अवैधता या अनौचित्य नहीं पाया गया है। अभियुक्त का इरादा मौजूदा जांच का रास्ता बदलना या फिर इसमें देरी करना ही है। अदालत ने चैम्बर सुनवाई में मीडिया को भी अपनी रिपोर्ट में अभियुक्त किशोर के नाम का खुलासा न करने का आदेश भी दिया।
उधर प्रद्युम्न के पिता बरूण ठाकुर ने कहा कि वे अदालत के आदेश व अब तक जांच की प्रगति से संतुष्ट है। अदालत ने इससे पहले अभियुक्त के वकील,सीबीआई व शिकायतकर्ता के वकीलों की दलीलें सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बचाव पक्ष के वकील ने कहा था कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अनुसार एक माह में चार्जशीट पेश नहीं की गई। उन्हें चाहे गए दस्तावेज भी नहीें दिए गए। सीबीआई ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त पर वयस्क रूप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया है और इस पर दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत चालान नब्बे दिन में पेश करने का प्रावधान है।