हिमाचल प्रदेश में बरसात रुकने के बाद भी भूस्खलन की घटनाएं थम नहीं रही हैं। गुरुवार की रात्रि शिमला को किन्नौर से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे-5 किन्नौर जिले के निगलसूरी में भूस्खलन से ध्वस्त हो गया।इससे जनजातीय जिला किन्नौर का देश-दुनिया से सम्पर्क कट गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, किन्नौर-शिमला नेशनल हाइवे का करीब 150 से 200 मीटर हिस्सा का नामोनिशान ही मिट गया। हाइवे पर पहाड़ ऐसा गिरा कि पैदल रास्ता तक भी बंद हो गया। गनीमत रही कि भूस्खलन के समय हाइवे पर कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। इस नेशनल हाइवे के अवरुद्ध होने से किन्नौर का देश-दुनिया से सम्पर्क कट गया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी और स्थानीय प्रशासन हाइवे को बनाने में लगा है।
हाइवे के बहाल होने में काफी समय लग सकता है। इससे सेब को मंडियों में पहुंचाने में दिक्कत आएगी। यह नेशनल हाइवे तिब्बत बॉर्डर तक जाता है। इस नेशनल हाइवे के बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। ज्यादातर वाहनों में सेब से लदे ट्रक शामिल हैं। किन्नौर का सेब अपनी मिठास व आकार के कारण मंडियों में इसकी जबरदस्त मांग रहती है। किन्नौर के निचले इलाकों में सेब की फसल तैयार हो गई है। ऐसे में हाइवे के अवरुद्ध होने से बागवानों को सेब सड़ने का डर सता रहा है। मानसून सीजन में ये हाइवे भूस्खलन से बार-बार अवरुद्ध होता है। पिछले दो दिनों से निगलसूरी में भूस्खलन हो रहा था। बुधवार को यहां हुए भूस्खलन से सेब के दो ट्रक दब गए थे। ट्रक सवारों ने भागकर जान बचाई थी।