हरियाणा सरकार एक्ट और नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। कई एक्ट को अपराध मुक्त करने की तैयारी सरकार के स्तर पर शुरू कर दी गई है। इसके लिए सरकार की ओर से सभी विभागों से 319 एक्टों को अपराध मुक्त करने के लिए रिपोर्ट मांग ली गई है। इसके लिए विभागों को 15 दिन का टाइम दिया गया है। अब तक सूबे में 28 अधिनियमों को अपराध मुक्त की श्रेणी में लाया जा चुका है।
इसका मुख्य उद्वेश्य अनुपालन को सरल, डिजिटल, अपराध मुक्त और तर्कसंगत बनाना है। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मीटिंग कर प्रशासनिक सचिवों को कानूनों-अधिनियमों के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है।
वहीं सरकार ने अभी इन कानूनों के बारे में जानकारी नहीं दी है लेकिन ये वो कानून हैं जिनमे सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान है। इनमें सरकार सजा खत्म करके जुर्माना कर पैसा कमाएगी।
सीएम मनोहर लाल पहले ही कह चुके हैं जो कानून गंभीर प्रकृति के नहीं हैं उनके छोटे-मोटे उल्लंघनों के लिए FIR दर्ज कर लोगों को जेल में डालने या उन पर मुकदमा चलाने से बचाना इसका प्राथमिक लक्ष्य है। उन्हें आपराधिक कृत्यों के रूप में मानने की बजाय नागरिक अपराध के रूप में मानकर प्रशासनिक उपायों, जुर्माने या अन्य गैर-आपराधिक दंडों के माध्यम से विनियमित किया जा सकता है।