आगामी जी-20 देशों की बैठक के आयोजन स्थल पर संस्कृति मंत्रालय ने एक खास संस्कृति गलियारा तैयार किया है।इसमें 29 देशों की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के थीम पर आधारित भारतमंडपम में तैयार इस गलियारे में जी 20 देशों के साथ 9 आमंत्रित देशों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ उनकी विशिष्ट सांस्कृतिक वस्तुओं को डिजिटल रूप से भी प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी में जी20 सदस्यों और आमंत्रित देशों की मूर्त, अमूर्त और प्राकृतिक विरासत का विषयगत संकलन प्रदर्शित किया जाएगा, जिनकी एक विशिष्ट पहचान है।
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इस प्रदर्शनी के लिए सभी 29 देशों से सांस्कृतिक वस्तुएं प्राप्त हुईं हैं, जिसे मेहमान कॉरिडोर में देख पाएंगे। भारत की ओर से इस सांस्कृतिक कॉरिडोर में मूर्त कैटेगरी में अत्यंत प्राचीन ग्रंथ महर्षि पाणिनि अष्टाध्यायी, डिजिटल रूप से भीमबेटका शिलालेख, अमूर्त कैटेगरी में योग, कुंभ मेला, वैदिक मंत्रोच्चारण, मूर्तिकला, और पाटन पटोला हस्तकला को शामिल किया है। प्राकृतिक विरासत कैटेगरी में हिमालय, गंगा, गंगासागर, बंगाल टाइगर, और लिविंग रूट ब्रिज को डिजिटल रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ आयोजन स्थल पर लोकतंत्र पर भी एक खास प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें भारत की तरफ से ऋग्वेद को शामिल किया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक इस प्रदर्शनी का अनावरण 9 सितंबर को जी20 लीडर्स समिट के आयोजन स्थल भारतमंडपम में किया जाएगा। जो बैठक के बाद लोगों के लिए भी खोली जाएगी।
कैसा दिखेगा कल्चर कॉरिडोर :
कल्चर कॉरिडोर को भविष्य के संग्रहालयों के एक मिश्रित रूप के रूप में डिज़ाइन किया गया है। दुनिया के कौशल, कला और इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए 29 देशों की सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। 180-डिग्री इमर्सिव स्क्रीन आगंतुक को एक ऐसे क्षेत्र में ले जाएगी, जो दुनिया की प्राकृतिक और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाएगा। प्रदर्शनी में 12 फुट का डिजिटल क्यूब भी प्रदर्शित किया जाएगा जो एनामॉर्फिक सामग्री के माध्यम से प्रतिष्ठित उत्कृष्ट कृतियों को प्रदर्शित करेगा। कॉरिडोर में कई स्क्रीन लगाई गई हैं, जिसमें सभी 29 देशों की सांस्कृतिक झलक 30-30 सेकंड तक देखी जा सकेगी।