नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में 10 साल पहले आज ही के दिन जोधपुर पुलिस ने इंदौर से कथावाचक आसाराम को गिरफ्तार किया था। इन 10 सालों में आरोपी आसाराम पर लगे आरोपों की सुनवाई हुई और उन्हें कोर्ट से सजा सुनाई गई। लेकिन एक दशक में एक दिन के लिए भी आसाराम को राहत नहीं मिली। इस समयावधि में दर्जनों बार जमानत और पैरोल के प्रार्थना पत्र दायर हुए.। उनके अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट भी गए, बावजूद इसके उन्हें जमानत नहीं मिली।
वहीं, गुरुवार को आसाराम के समर्थकों ने काले दिवस के रूप में मनाया। साथ ही आरोप लगाया कि एक निर्दोष संत को साजिशन जेल में डाला गया है और उनका जेल में समुचित उपचार भी नहीं हो रहा है। इसके चलते वो कई बीमारियों से ग्रसित हो चुके हैं। हाल ही में जेल में गिरने के बाद भी उन्हें उपचार के लिए बाहर नहीं लाया गया।
बता दें, 15 अगस्त, 2013 को आसाराम की एक नाबालिग शिष्या ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। शिष्या की ओर से दर्ज शिकायत में बताया गया था कि आरोपी आसाराम ने जोधपुर के मथानियां क्षेत्र के मणाई ग्राम स्थिति आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। ये रिपोर्ट दिल्ली में दर्ज हुई थी, जिसे बाद में जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद 31 अगस्त की रात को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था और अगले दिन एक सितंबर को जोधपुर लाई थी।