सीएम अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट से मानहानि मामले में थोड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने दोनों नेताओं को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी है। हालांकि दोनों नेताओं के जमानत वारंट पर आवेदन को भी रोक दिया गया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को होनी है। वहीं हाईकोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
दरअसल, अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह पर गुजरात यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने का आरोप है। गुजरात यूनिवर्सिटी ने दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करते हुए अपनी याचिका में कहा है कि केजरीवाल और संजय सिंह ने संस्थान की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया है। पीएम की डिग्री वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी दोनों नेता कह रहे हैं कि डिग्री न दिखाकर यूनिवर्सिटी सच छिपा रही है।
मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने दोनों नेताओं को समन जारी कर पेश होने को कहा था। इसके लिए कई बार नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। इसके खिलाफ इन्होंने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन आज शुक्रवार को ही हाईकोर्ट ने दोनों ने झटका देते हुए मेट्रोपोलिटन कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था. लेकिन जब इस मामले में मेट्रोपोलिटन कोर्ट में सुनवाई हुई तो कोर्ट ने केजरीवाल और संजय सिंह को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी।
ये है पूरा मामला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को एक पत्र लिखकर पीएम मोदी की शैक्षिक योग्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह के भ्रम को दूर करने के लिए डिग्री को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके बाद मुख्य सूचना आयुक्त ने गुजरात यूनिवर्सिटी से पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा था। यूनिवर्सिटी ने सूचना आयोग के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी। हाई कोर्ट ने 31 मार्च के सूचना आयोग के आदेश को रद्द करते हुए केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया था।