कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी हालिया यात्रा की बात करते हुए लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि मेरे दिल में उस समय अहंकार था, मगर भारत अहंकार को एक दम मिटा देता है। जो हिंदुस्तान को अहंकार से देखने निकला था, वो बिल्कुल गायब हो गया।
कांग्रेस सांसद ने लोकसभा में कहा कि मैं समुद्र के तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ियों तक गया। यहां अभी खत्म नहीं हुई है, अभी यात्रा जारी है। बहुत सारे लोगों ने यात्रा के दौरान और बाद में मुझसे पूछा कि राहुल तुम क्यों चले, तुम्हारा लक्ष्य क्या है। उन्होंने कहा कि जिस चीज ने मेरे दिल को मजबूती से पकड़ रखा था, उसे मैं समझना चाहता था।
राहुल ने कहा कि मैंने जो हिंदुस्तान को अहंकार से देखने निकला था, वो बिल्कुल गायब हो गया। मैं रोज डर डर का चला कि क्या मैं कल चल पाऊंगा, ये मेरे दिल में डर रहा। जब भी ये डर बढ़ता था, तो कहीं न कहीं से, कोई न कोई शक्ति मेरी मदद कर देती थी।
राहुल ने कहा कि मुझे भीड़ की आवाज नहीं सुनाई देती थी। मुझे सिर्फ उसी की आवाज सुनाई देती थी, जो मेरे से बात करता था। उसका दर्द-दुख और चोट, मेरा दर्द-दुख बन गया। लोग कहते हैं कि ये देश है, कोई कहता है- ये अलग अलग भाषाएं हैं, कोई कहता है- ये मिट्टी, ये सोना है, चांदी है…. ये सच्चाई है कि ये देश सिर्फ एक आवाज है।