हरियाणा में 12 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित कर चुकी प्रदेश सरकार अब विभिन्न स्थानों पर जलभराव के असल कारणों की तह तक जाएगी। विशेषज्ञों की टीम जांच करेगी कि नदियों और नहरों का पानी आबादी तक कैसे पहुंचा। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि पंचकूला में कौशल्या डैम से चट्टानें घग्गर नदी तक कैसे पहुंची।
हरियाणा में बाढ़ ने खासी तबाही मचाई है। अब तक 500 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया जा चुका है, जबकि अब भी काफी संख्या में स्थानों पर जलभराव है। यहां से पानी निकलने के बाद ही नुकसान का सही आकलन हो सकेगा। केंद्र सरकार ने राहत के तौर पर अभी तक 216 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने भारी नुकसान की दुहाई देते हुए केंद्र से और सहायता मांगी है।
बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित यमुनानगर, पंचकूला, कुरुक्षेत्र और अंबाला के साथ ही करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल में अधिकतर स्थानों से पानी निकल चुका है। हालांकि सिरसा और फतेहाबाद में लोग अभी भी जलभराव से जूझ रहे हैं।
दस जिलों में बाढ़ से जो सड़कें टूट गई हैं, उनकी मरम्मत के लिए अधीक्षक अभियंता की अगुवाई में कमेटी का गठन कर टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जहां सड़कों में बारिश के पानी से कटाव हुआ है, वहां स्थाई पुलियां बनाई जाएंगी। इसके साथ ही पुराने बांधों को मजबूत करने के लिए बजट राशि बढ़ाई जाएगी।