केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्हें नसीहत दे दी है। अमित शाह ने कहा, टेक्नोलॉजी आज सभी कन्वेंशनल जियोग्राफिकल, पॉलिटिकल और आर्थिक सीमाओं के पार पहुंच चुकी है।
- अमित शाह ने कहा, आतंकवादी हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को रैडिकलाइज करने तथा वित्त संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। आतंकवादियों द्वारा वर्चुअल एसेट्स के रूप में नए तरीकों का उपयोग, फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए किया जा रहा है।
- आतंकवादी अपनी पहचान छिपाने के लिए और रेडिकल मैटेरियल को फैलाने के लिए डार्क-नेट की मदद ले रहे हैं। हमें डार्क-नेट पर चलने वाली इन गतिविधियों के पैटर्न को समझना होगा और उसके उपाय भी ढूंढने होंगे।
- आज हम एक बड़े ग्लोबल डिजिटल विलेज में रहते हैं। हालांकि टेक्नोलॉजी, मानवीय समाज और देशों को ज्यादा तेजी से करीब लाने वाला एक पॉजिटिव डेवलपमेंट है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व तथा स्वार्थी वैश्विक ताकतें भी हैं, जो नागरिकों और सरकारों को, आर्थिक एवं सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं।
- गृह मंत्री का इशारा, चीन और पाकिस्तान की तरफ था। ये दोनों देश, साइबर अपराध के अलावा आतंकियों को विभिन्न तरीकों से फंडिंग भी कर रहे हैं। आज 840 मिलियन भारतीयों की ऑनलाइन मौजूदगी है।
- साल 2025 तक नए 400 मिलियन भारतीय डिजिटल दुनिया में प्रवेश करेंगे। कुछ स्वार्थी वैश्विक ताकतों की मदद से आतंकियों द्वारा ‘प्याज के छिलके’ उतारने वाली तकनीक यानी डार्कनेट का इस्तेमाल करने लगे हैं। इस तकनीक के जरिए वे लोग अपनी पहचान छिपाने में कामयाब हो जाते हैं। दूसरा, आतंकी संगठन रेडिकल मैटेरियल को फैलाने में भी डार्कनेट का उपयोग कर रहे हैं।