दिल्ली हाई कोर्ट ने शराब घोटाले के मामले में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राहत नहीं दी है। हाईकोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया दिल्ली सरकार में प्रभावशाली पद पर रहे हैं।
ऐसे में जमानत मिलने पर उनके द्वारा गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने दो जून को सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। सिसोदिया ने ‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ से पीड़ित अपनी पत्नी के बिगड़ते स्वास्थ्य सहित विभिन्न आधारों पर जमानत मांगी है। कोर्ट ने इसी मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर, हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली और बिनाय बाबू की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है।
ये है मामला
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे वापस ले लिया गया। मनीष सिसोदिया को इस घोटाले में कथित भूमिका के लिए सबसे पहले 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था। वह तब से हिरासत में हैं। सीबीआई वाले मामले में भी हाई कोर्ट 30 मई को उन्हें जमानत देने से इनकार कर चुका है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सिसोदिया को कथित घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था और अभी वह न्यायिक हिरासत में हैं।