श्री अमरनाथ यात्रा इस बार एक जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसके लिए कल यानी 30 जून को जम्मू के भगवती नगर से पहला जत्था आधार शिविर बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना होगा। दोनों आधार शिविरों से शनिवार को श्रद्धालु पवित्र गुफा की ओर अपनी यात्रा आरंभ करेंगे।अमरनाथ पवित्र गुफा के पास इस बार रात को किसी भी श्रद्धालु को ठहरने की अनुमति नहीं होगी।
यात्रियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य
पिछले वर्ष गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ को देखते हुए एहतियातन यह कदम उठाया गया है। इसके आलावा यात्रा मार्ग पर भूस्खलन व पत्थर गिरने की दृष्टि से संवेदनशील करीब ढाई किलोमीटर के हिस्से में गुजरने पर यात्रियों के लिए हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया गया है। जो श्रद्धालु खच्चर का इस्तेमाल करेंगे, उनके लिए भी हेल्मेट जरूरी है। यह हेल्मेट श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की ओर से निश्शुल्क उपलब्ध करवाएगा।
विभिन्न शिविरों में एक साथ 70 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग को कई जगहों से चौड़ा किया गया है और कई हिस्सों में रेलिंग भी लगाई गई है। वहीं यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की मदद के लिए 34 माउंटेन रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं। इसके अलावा कठुआ से पवित्र गुफा तक विभिन्न शिविरों में एक साथ 70 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है। वहीं श्री अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार (28 जून) तक 3.04 लाख श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं, जो बीते वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है।