हरियाणा डेस्क:- सोनीपत, इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि आज प्रत्येक वर्ग इस तानाशाह और बेरहम सरकार से परेशान है। किसान, मजदूर, कर्मचारी, बेरोजगार, व्यापारी सभी वर्ग इस सरकार से निजात चाहते हैं। हरियाणा परिवर्तन पदयात्रा के 56वें दिन उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने सरकार पर तथ्यों और तर्कों के साथ हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब तक 56 दिनों में वे 1100 किलोमीटर चलते हुए 9 जिला मुख्यालयों में पहुंचे और 550 ज्यादा गांवों में गए हैं। 30 विधानसभा क्षेत्र कवर करते हुए इस दौरान लोगों के दुख और दर्द को करीब से देखा है। मैनें सभी की समस्याएं गौर से सुनी हैं और उन्हें नोट भी किया है। उन्होंने कहा कि वे इन सभी समस्याओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री को एक पत्र देंगे। अगर मुख्यमंत्री ने इस पत्र पर संज्ञान नहीं लिया तो वे उनकी पोल खोलेंगे। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का रवैया बदल गया है और वे खुद को औरंगजेब से भी ज्यादा बड़ा मानने लगे हैं।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर सरकार की ओर से की गई कार्रवाई पर अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र और संविधान को पूरी तरह से खत्म करने की ठान रखी है। आज प्रदेश में लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। स्कूलों में शिक्षकों के 25 हजार पद खाली पड़े हैं। अस्पतालों में चिकित्सक और दवाइयां नहीं है। पुलिस विभाग में 25 हजार पद खाली हैं। सरकारी विभागों में कुल मिलाकर दो लाख पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी बीजेपी की पोल खोली है, उसको सीबीआई और ईडी का नोटिस मिलता है। भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। वाड्रा की क्लीन चिट पर कहा बीजेपी और कांग्रेस आपस में मिले हैं। चौ. अभय सिंह चौटाला ने वर्तमान सरकार को जुमलों व नारों की सरकार बताते हुए कहा कि इस सरकार ने 2022 में किसानों की आय दोगुणी करने का वादा किया था। किसानों की आय दोगुणी नहीं हुई बल्कि आज किसान कर्ज से कराह रहा है। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के 21 लाख किसानों पर ही 44 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि किसान, कमेरा, व्यापारी, कर्मचारी, नौजवान सब इस सरकार से हताश और दु:खी हैं। जनता इस तानाशाह सरकार से छुटकारा चाहती है और विधानसभा चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले इस सरकार ने किसानों पर लाठियां बरसाईं। प्रदेश में 13 महीने किसानों का आंदोलन चला और किसान इस दौरान दिल्ली के चारों तरफ गर्मी, सर्दी व बरसात में आंदोलन करते रहे। किसानों ने 6 सितंबर 2020 को कुरुक्षेत्र के पिपली से आंदोलन शुरू किया। पिपली से सरकार की ओर से किसानों पर लाठियां बरसाने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक जारी है। किसानों पर अत्याचार करने के बाद इस सरकार ने कर्मचारियों पर डंडे चलाए और अब चुने हुए प्रतिनिधियों पर भी लाठियां बरसाई हैं। इस सरकार में प्रदेश में तीन बड़े दंगे हो चुके हैं और अनेक लोगों की जान जा चुकी है। ऐसी बेरहम और अलोकतांत्रिक सरकार को सबक सिखाने का वक्त आ गया है।
उन्होंने कहा कि देश में 5 हजार विधायक हैं, पर किसानों के समर्थन में उन्होंने ही अपनी विधानसभा से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा बेरोजगारी के कारण आज लाखों युवा हताशा का शिकार हैं। 34.1 प्रतिशत दर के साथ हरियाणा बेरोजगारी में देश में पहले स्थान पर है। हरियाणा के गन्ना उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान खराब फसलों के मुआवजे को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में धरना दे रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।