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बहादुरगढ़ नगर परिषद में फिर हुआ घोटाला, 9 लाख 27 हजार 780 रूपए की फर्जी 8 रसीद काटी गई !

हरियाणा डेस्क:-बहादुरगढ़ नगर परिषद में एक और घोटाला हो गया है। इस घोटाले पर एफआईआर करवाने की बजाए परिषद अधिकारी इसे दबाने पर ही लगे हुए हैं। दरअसल नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर ये घोटाला किया गया है। 9 लाख 27 हजार 780 रूप्ए की तीन फर्जी रसीदें काटी गई और उनके आधार पर तीन फर्जी एनडीसी यानि नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए गए। इन्ही एनडीसी के आधार पर तहसील में रजिस्ट्री तक हो गई। किसी को कानो कान खबर भी नही लगी। लेकिन जब खबर लगी तो परिषद अधिकारियों ने खानापूर्ति में नाम पर आउटसोर्सिंग पर लगे दो कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया और जांच करने की बात कही।

मामला फिलहाल तीन फर्जी एनडीसी का है लेकिन ये मामला इससे भी कहीं बड़ा बताया जा रहा है । यही सच्चाई बन गई है बहादुरगढ़ नगर परिषद की ताजा घोटाला एनडीसी यानि नो ड्यूज सर्टिफिकेट का सामने आया है। फर्जी रसीदें काटकर, फर्जी एनडीसी जारी कर दी गई। फिलहाल ऐसी तीन फर्जी रसीदें हमारें हाथ लगी हैं। तीनों की फर्जी रसीदें लाईनपार के नेताजी नगर की है। अलग अलग नाम से कुल 9 लाख 27 हजार 780 रूप्ए की फर्जी जी 8 रसीद काटी गई। और इन्ही के आधार पर ऑनलाईन एनडीसी जारी कर दी गई। अब 9 लाख 27 हजार 780 रूप्ए नगर परिषद के खाते में जमा ही नही हुए। सारे पैसे घोटाला करने वाले कर्मचारियों ने डकार लिए है।

एनडीसी जारी करने की पूरी प्रक्रिया ही ऑनलाईन है। ऑनलाईन ही पैसे जमा कराने पड़ते हैं और ऑनलाईन ही एनडीसी मिलती है। लेकिन घोटाला कर्मियों ने ऑफलाईन रसीद काटी और ऑनलाईन प्रक्रिया को धोखा देते हुए एनडीसी जारी करवादी। पूर्व पार्षद वजीर राठी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने और पैसे की रिकवरी की मांग की है। बहादुरगढ़ नगर परिषद में हर रोज सैंकड़ो लोग वाजिब एनडीसी जारी करवाने के लिए भटक रहे हैं लेकिन उनकी फाइलें ही गायब कर दी जाती है। जबकि रिश्वत देने वालों को फर्जी तरीके से गलत एनडीसी भी दे दी जाती है और उन्हे चाय अलग से पिलाई जाती है। भारतीय सेना से रिटायर महासिंह खत्री भी नगर परिषद में एनडीसी के लिए भटक रहे हैं। विकास शुल्क जमा करवाना चाहते हैं लेकिन उनकी फाईल परिषद के रिश्वतखोर और घोटालेबाज कर्मियों ने गायब कर दी है। एनडीसी की जरूरत परिषद क्षेत्र में जमीनों की खरीद फरोख्त में लिए पड़ रही है। बिना एनडीसी के रजिस्ट्री होती नही है।

और यहीं से प्रोपर्टी डीलरों के साथ मिलकर घोटाले का पूरा खेल खेला जा रहा है। मामला सामने आने पर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय रोहिल्ला ने दो कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भी कार्यवाही के लिए लिखा है। ये पूरा घोटाला सिर्फ तीन फर्जी रसीदों और 9 लाख का ही नही है। ये बड़ा मामला है। हर रोज एनडीसी के नाम पर परिषद में घोटाला हो रहा है। एनडीसी का रिश्वत रेट फिक्स हो चुका है। जो रिश्वत का रेट नही देता उसकी फाईल गायब कर दी जाती है। माना ये भी जा रहा है कि परिषद में जनता के चुने हुए नुमाईंदे भी इस खेल को संरक्षण दे रहे है। ऐसे में सरकार से अपील है कि एनडीसी घोटाले की पूरी जांच विजिलेंस से करवाई जाए और दोषियों का सलाखों के पीछे भेजने का काम होना चाहिए।

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