नेशनल डेस्क:- एक वोट की कीमत क्या होती है, यह कोई एमसीडी के उन पार्षदों से पूछे जो किसी भी हद से गुजरने को तैयार थे। वोट के लिए ही पार्षदों ने सदन में सारी हदें तोड़ीं और एक-दूसरे को ऐसे मारा कि अस्पताल तक जाना पड़ गया। महिला पार्षदों को भी मारा गया और उनके साथ गाली-गलौज की गई। चुनाव में आम आदमी पार्टी के चार और बीजेपी के तीन प्रत्याशी जोर आजमाइश कर रहे थे। इस वोटिंग में जितने प्रत्याशी होते हैं, उतने वोट प्रेफरेंस होते हैं। मेयर ने काउंटिंग की प्रक्रिया खत्म होने के बाद रिजल्ट की घोषणा की और कहा कि एक वोट इनवैलिड है।
उनका तर्क था कि पॉइंट-6 के एक ही कॉलम में बीजेपी पार्षद ने दो प्रेफरेंस भरे हैं, जबकि प्रत्येक प्रेफरेंस अलग-अलग कॉलम में भरा जाना चाहिए। इसी बात को लेकर सदन में करीब 3 घंटे तक हंगामा होता रहा। तब मेयर ने री-काउंटिंग की बात कही। लेकिन, बीजेपी पार्षद इसके लिए तैयार नहीं थे। वह अधिकारियों के उस तर्क का हवाला दे रहे थे, जिसमें मेयर जिस वोट को इनवैलिड बता रही थीं, उसे वे इनवैलिड मानने से इनकार कर रहे थे। इसी बात को लेकर हंगामा शुरू हुआ। दिल्ली एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव नतीजों को लेकर शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच लात-घूंसे चले और हालात मेडिकल इमरजेंसी तक पहुंच गए। आम आदमी पार्टी के एक पार्षद को बेहोशी की हालत में सदन से अस्पताल ले जाना पड़ा। बतादें कि दोनों ही पार्टियों की कई महिला पार्षद भी बुरी तरह से घायल हुईं। हंगामे की शुरुआत तब हुई, जब गिनती के दौरान मेयर, बीजेपी के एक पार्षद का वोट इनवैलिड करने पर डटी हुई थीं। बीजेपी का दावा था कि मेयर के पास ऐसा कोई अधिकार ही नहीं है। बीजेपी का कहना था कि वोट वैलिड है या नहीं, इसका निर्णय चुनाव आयोग की ओर से आयी तकनीकी टीम ही कर सकती है।