नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने श्रीश्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। यमुना को नुकसान पहुंचाने के मामले में एनजीटी ने श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग और डीडीए (दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी) को दोषी माना है।
एनजीटी ने कहा कि जो 5 करोड़ रुपये ऑर्ट ऑफ लिविंग से पहले ही जुर्माने के तौर पर लिए गए हैं। उसे यमुना की बॉयोडायवर्सिटी ठीक करने में खर्च किया जाए। ट्रिब्यूनल ने कहा कि अगर इससे ज्यादा खर्च यमुना की बॉयोडायवर्सिटी खर्च करने में आता है। तो उसका भुगतान भी श्रीश्री रविशंकर की संस्था को करना होगा। साथ ही बचा हुआ पैसा ऑर्ट ऑफ लिविंग की संस्था को वापिस किया जाएगा।