Sunday , 10 November 2024

सियासी उथल-पुथल के बीच इमरान की गई कुर्सी, अब शाहबाज करेंगे देश की ‘कप्तानी’

इंटरनेशनल डेस्क- पाकिस्तान में सियासी उथल-पुथल के बीच आखिरकार इमरान खान ने अपनी कुर्सी को खो दिया है। बता दें, पिछले एक महीने से चल रहे सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार आज इमरान की सरकार गिर गई। वहीं, अब विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ का नाम प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे चल रहा है। इमरान ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए भरपूर कोशिश की। इमरान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पहले 3 अप्रैल को वोटिंग होनी थी। लेकिन नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इसे खारिज कर दिया था।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके फैसले को रद्द कर फिर से वोटिंग कराने को कहा। दूसरी ओर, पाकिस्तान में जारी सियासी संकट के बीच इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि, अब उसके पड़ोसी देशों समेत दुनियाभर पर इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है। 22 करोड़ की आबादी वाले देश के पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान हैं, तो उत्तर-पूर्व में चीन और पूर्व में भारत है। ऐसे में पाकिस्तान का रणनीति महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। यहां सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि, इमरान के सत्ता गंवाने के बाद भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है और आगे के दिनों में क्या दोनों मुल्कों के रिश्तों में कुछ सुधार हो सकता है।

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भारत पर प्रभाव
भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के बाद से तीन बार युद्ध हो चुका है। इसमें से दो युद्धों की वजह कश्मीर रहा है। पाकिस्तान में सेना के पास संवेदनशील इलाकों की पॉलिसी बनाने का जिम्मा होता है। वहीं, भारत और पाकिस्तान के बीच 2021 में हुए सीजफायर के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनी हुई है। हालांकि, सीमा पर शांति का राजनयिक वार्ता से कोई संबंध नहीं हो पाया है। दरअसल, इमरान खान भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते रहे हैं।

वहीं, पाकिस्तान के ताकतवर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हाल ही में कहा था कि, अगर भारत सहमत होता है तो उनका देश कश्मीर पर आगे बढ़ने को तैयार है। वहीं, शाहबाज शरीफ अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनते हैं, तो भारत के साथ रिश्ते सुधर सकते हैं। क्योंकि, शरीफ का परिवार भारत के प्रति झुकाव रखने वाला माना जाता है।

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