इंटरनेशनल डेस्क- कजाखिस्तान में शुरू हुई हिंसा में अब तक 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 164 लोग मारे गए। हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे देश के सबसे बड़े शहर अलमाटी में 103 लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में चार साल की एक बच्ची भी शामिल है। हिंसा में शामिल 5800 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। देश के सभी प्रमुख स्थलों की सुरक्षा में रूसी और मित्र देशों के सैनिक तैनात किए गए हैं। राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव के बुलावे पर रूस के नेतृत्व वाले गठबंधन के 2500 सैनिक कजाखिस्तान आए हैं। हिंसक घटनाओं में 2200 लोग घायल हैं, 1300 सुरक्षाकर्मी भी हिंसा के शिकार हुए हैं।
अलमाटी के इलाके में फायरिंग की आवाज सुनी गई लेकिन, बाकी शहरों में शांति रही। हिंसा के दौरान बंद रहा अलमाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सेवाएं सोमवार से शुरू हो सकती हैं। इस बीच सरकार ने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से अपने कार्यालय पहुंचकर कामकाज संभालने के लिए कहा है। हिंसा के दौरान कई सरकारी कार्यालयों पर उपद्रवियों ने कब्जा कर लिया था। कुछ सरकारी इमारतों में आग भी लगा दी थी।
Read More Stories:
लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर शुरु हुआ था आंदोलन
देश के पश्चिमी इलाके में दो जनवरी को लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था। लेकिन कुछ ही देर बाद यह सरकार विरोधी हिंसक आंदोलन में तब्दील हो गया। इसी दौरान पूर्व राष्ट्रपति नूर सुल्तान नजरबायेव के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। राष्ट्रपति टोकायेव ने हिंसा के लिए विदेश में प्रशिक्षित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया है। राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव के कार्यालय का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। अधिकारियों ने प्रशासनिक भवनों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है।