गुजरात के भावनगर जिले में एक अनोखा नजारा देखने को मिला जहां श्मशान घाट में शादी रचाई गई। जिस जगह चिता जलाई जाती है वहां हवन कुंड सजाकर दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे हुए। इस अनोखी शादी में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस नव युगल को आशीर्वाद देने गुजरात के प्रमुख संत मोरारी बापू खुद पहुंचे। माना जा रहा है कि समाज में फैले अंधविश्वास और रूढ़वादिता पर चोट करने के लिए यह कदम उठाया गया।
मोरारी बापू ने बनारस में प्रवचन के दौरान यह सीख दी थी कि श्मशान को लेकर जनमानस में कायम भ्रांतियां दूर होनी चाहिए। श्मशान अशुभ नहीं, महान पवित्र स्थल है। यहां जन्मदिन के साथ विवाह समारोह भी होने चाहिए। बापू के इन विचारों से प्रभावित होकर ही भावनगर के महुवा कस्बा अंतर्गत साधु समाज के युवक घनश्याम और कोली समाज की पारूल ने श्मशान में शादी रचाने का फैसला लिया। दोनों बापू से मिले और श्मशान घाट में शादी की इच्छा जताई। रविवार सुबह गांव तलगाजरडा के श्मशान घाट पर घनश्याम व पारूल ने चिता के फेरे लिए। घनश्याम बैंडबाजे के साथ बरात लेकर श्मशान पहुंचा जहां दोस्त-रिश्तेदार जमकर नाचे। वर-वधू पक्ष के लोगों ने मिलकर श्मशान में गरबा किया। बापू की मौजूदगी में पंडित प्रभा शंकर ने शादी संपन्न कराई। मोरारी बापू ने प्रसाद के रूप मे सभी को श्मशान घाट पर ही भोजन कराया।