नेशनल डेस्क: कोरोना के तीसरे वैरिएंट ओमीक्रोम के देश में तीन मामले सामने आ गए हैं। तो दिल्ली में टेंशन और भी बढ़ गई है। इसकी वजह ये है कि, ओमीक्रॉन से जूझ रहे उच्च खतरे वाले देशों से दर्जन भर संक्रमित दिल्ली पहुंचे हैं।
इनकी जिनोम रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सांसे अटकी हैं। ओमीक्रॉन के खतरे की आहट के बीच आईआईटी (IIT) के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि ओमीक्रॉन की वजह से जनवरी-फरवरी के बीच कोरोना की तीसरी लहर आएगी। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन का प्रभाव दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक दिखने लगेगा। जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में ओमीक्रॉन संक्रमण पीक पर होगा।
तीसरी लहर दूसरी की तुलना में कम घातक होगी
प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने नए अध्ययन में दावा किया है कि हालांकि तीसरी लहर, दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी. प्रो. अग्रवाल ने अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
तीसरी लहर में मिलेंगे हर रोज एक से डेढ़ लाख मरीज
इन निष्कर्षों के मुताबिक अब तक जितनी भी केस स्टडी सामने आई हैं, उसमें संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन बहुत अधिक घातक नहीं मिला है। प्रो. अग्रवाल के मुताबिक सितंबर में तीसरी लहर को लेकर जो आकलन किया था, वह सच साबित होता दिख रहा है। कई देशों में फैलने के बाद भारत में भी ओमीक्रॉन संक्रमण के मामले मिलने लगे हैं। उन्होंने बताया कि जब तीसरी लहर अपने चरम पर होगी, तब रोजाना एक से डेढ़ लाख के बीच संक्रमित मरीजों के मिलने की संभावना है।