Friday , 20 September 2024

तो क्या हरियाणा में वापस लिए जाएंगे आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए केस ?

नेशनल डेस्क:  भले ही तीनों कृषि कानून वापस लिए जा चुके हों, लेकिन किसानों की गुस्सा और उनकी मांगे अभी भी जारी हैं।  तो वहीं तीन कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद हरियाणा की बीजेपी सरकार ने भी किसानों की मांग को स्वीकार करने के संकेत दिए हैं। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब राज्य सरकार ने किसानों की अन्य मांगों पर भी केंद्र के साथ मंथन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों के संबंध में राज्य सरकार के पास अपना आंकड़ा है, जिस पर विचार किया जा रहा है।



किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केस वापस ले सकती है प्रदेश सरकार

हरियाणा सरकार जल्द ही किसानों पर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केस वापस ले सकती है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ”फैसले मिलकर लिए जाते हैं, न तो सरकार और न ही आंदोलन कर रहे लोग अकेले फैसला ले सकते हैं। जैसे ही आपसी सहमति बनेगी, उस पर सरकार अपना निर्णय लेगी।’

वह झज्जर में नौ दिसंबर को अपनी जननायक जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाली की रैली के मद्देनजर भिवानी और नारनौल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे थे। कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान अब उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को भी वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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