चंडीगढ,22नवम्बर। विवादित फिल्म पद्मावतीके हरियाणा में प्रदर्शन की अनुमति के बारे में राज्य सरकार सेंसर बोर्ड द्वारा फैसला किए जाने के बाद ही कोई फैसला करेंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को केबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।
अलबत्ता मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। हरियाणा के वरिष्ठ केबिनेट मंत्री अनिल विज ने इससे पहले ही ऐलान किया था कि प्रदेश में पद्मावती का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। विज ने यह भी कहा था कि पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक की मांग वे केबिनेट बैठक में रखेंगे।
पद्मावती फिल्म के निर्देशक व अभिनेता और अभिनेत्री के सिरों पर दस करोड रूपए का इनाम हरियाणा भाजपा के मीडिया सम्पर्क प्रमुख सूरजपाल अम्मू द्वारा घोषित किए जाने के बारे में सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अम्मू ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में ऐसा बयान दिया है। पार्टी ने नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है। इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
हरियाणा में राजपूत विरासत जागृति मंच नामक संगठन ने पद्मावती फिल्म के विरोध में अपनी गतिविधियां बढाई है। मंच की ओर से मंगलवार को ही ऐलान किया गया कि आगामी नौ दिसम्बर को पंचकूला में प्रदेश स्तर की विरोध सभा का आयोजन किया जाएगा।