पुराने नियम के मुताबिक 20000 से ज्यादा का चंदा देने लेने वालों को चंदे का स्रोत बताना पड़ता था. आम बजट 2017 में इस रकम को घटाकर 2000 कर दिया गया था. यानी अब 2000 से ज्यादा का चंदा लेने पर उसका स्रोत बताना पड़ता है.
एक बार फिर गुजरात चुनावों से पहले एक ऐसी खबर सामने आई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2011-12 से लेकर 2015-16 तक गुजरात में सबसे ज्यादा चंदा अगर किसी पार्टी को मिला है तो वह भारतीय जनता पार्टी है. भारतीय जनता पार्टी को 2186 लोगों ने 80.45 करोड़ का चंदा दिया।
वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी है जिसको 53 लोगों ने 14.09 करोड़ों रुपए का चंदा दिया। तीसरे नंबर पर एनसीपी जिसको 3 लोगों ने कुल 3 करोड़ों रुपए का चंदा दिया वही सीपीएम और बसपा ऐसी राजनीतिक पार्टियों को एक रुपये का भी चंदा नहीं मिला।
इस चंदे में से 13.62 करोड़ों रुपए BJP को दिए गए तो 5.55 करोड़ों रुपए कांग्रेस को और एक करोड़ पर एनसीपी के खाते में गया। वहीं चंदा देने वालों कॉर्पोरेट घरानों में दूसरे नंबर पर रही कैडिला हेल्थकेयर जिसने बीजेपी को 2.60 करोड़ कांग्रेस को एक करोड़ और एनसीपी को एक करोड़ रुपए का चंदा लिया।