नेशनल डेस्क- देश के कई राज्यों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर से दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का कारण बन गई है। ये एक व्यक्ति से दूसरे में सीधे तौर पर नहीं फैलता है। डेंगू संक्रमण DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4 वायरस से फैलता है। इन चारों वायरस को सीरोटाइप कहा जाता है। क्योंकि ये चारों अलग-अलग तरीके से एंटीबॉडी को प्रभावित करते हैं। आप अलग-अलग स्ट्रेन से चार बार भी डेंगू से संक्रमित हो सकते हैं।
डेंगू फैलाने वाले मच्छर सबसे ज्यादा दोपहर के समय काटते हैं। खासतौर से सूर्योदय के दो घंटे बाद और सूर्यास्त से एक घंटे पहले। हालांकि, रात के समय भी डेंगू के मच्छर एक्टिव रहते हैं, खासकर उन इलाकों में जहां अच्छी रोशनी होती है। डेंगू के मच्छरों के काटने का खतरा ऑफिस, मॉल, इनडोर ऑडिटोरियम और स्टेडियम के अंदर ज्यादा होता है क्योंकि यहां हर समय आर्टिफिशियल लाइट्स का इस्तेमाल होता है और प्राकृतिक रोशनी नहीं आ पाती है
संक्रमण के चार से छह दिन बाद दिखाई देते हैं ये लक्षण
डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद दिखाई देने शुरू होते हैं जो 10 दिनों तक रहते हैं इन लक्षणों में अचानक, तेज बुखार, बहुत तेज सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, मितली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते और हल्की ब्लीडिंग जैसे की नाक या मसूड़ों से खून आना हैं। डेंगू के बुखार में पूरे शरीर में बहुत तेज दर्द होता है इसलिए कुछ लोग इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। कभी-कभी इसके लक्षण हल्के होते हैं और लोग इसे गलती से फ्लू या अन्य वायरल इंफेक्शन समझ लेते हैं।
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ऐसे करें इलाज
डेंगू के इलाज के लिए कोई निश्चित दवा नहीं है। डेंगू के बुखार में खूब आराम करना चाहिए। खून में प्लेटलेट्स की नियमित रूप से जांच करवाएं शरीर में पानी की बिल्कुल कमी ना होने दें और खूब सारा लिक्विड डाइट लें। इस समय नारियल पानी पीना सबसे अच्छा होता है। ये प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी काम करता है इसके अलावा गिलोय, पपीता, कीवी, अनार, चुकंदर और हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें डॉक्टर के संपर्क में रहें और अपने प्लेटलेट्स की जानकारी उन्हें देते रहें। किसी भी तरह की दिक्कत होने या प्लेटलेट्स गिरने पर डॉक्टर आपको अस्पताल में में भर्ती होने की भी सलाह दे सकते हैं।
इससे बचाव के तरीके
डेंगू मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है और इससे बचाव करना बहुत जरूरी है। दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं। इन दिनों फुल बाजू के कपड़े और पावों में जूते पहन कर रहें। शरीर को कहीं से भी खुला ना छोड़ें। घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें। रात में सोते समय मच्छरदानी लगाना बचाव का सबसे सही तरीका है.