पंजाब डेस्क: पंजाब में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य में पिछले एक हफ्ते में पराली जलाने के मामले में 218 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है। धान की कटाई और गेहूं के फसल के बुवाई के समय नजदीक आने के साथ ही खेतों में पराली जलाने की घटनाएं काफी बढ़ गई है। पंजाब में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि के कारण दिल्ली समेत पंजाब के सटे अन्य राज्यों की आबोहवा काफी खराब हो रही और यहां प्रदूषण में बढ़ोत्तरी हो रही है। हर साल पराली जलाने की सम्सया के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब से सटे अन्य राज्यों को प्रदूषण की समस्या को झेलना पड़ता है।
एक हफ्ते में बढ़े 218 फीसदी मामले
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPSB) के अनुसार प्रदेश में 19 सितंबर से 20 अक्टूबर तक 2,942 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में 2017 मामले 13 से 19 अक्टूबर के बीच दर्ज किए गए है। इन मामलों में तरनतारन में 728, अमृतसर में 665, पटियाला में 279, लुधियाना में 186, गुरदाससपुर में 158 मामले पराली जलाने के आए हैं। अच्छी बात यह है कि पठानकोट में अबतक इस तरह की घटना सामने नहीं आई है।