नेशनल डेस्क- दिल्ली में इस बार पिछले तीन सालों में सबसे साफ हवा के साथ सर्दी शुरू हुई। क्योंकि मानसून अधिक देर तक सक्रिय रहा। लेकिन, इस साल गर्मी में प्रदूषण अधिक रहा। यह बात सीएसई द्वारा जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। सीएसई के विशेषज्ञ कहते हैं कि, इस बार सर्दी की शुरुआत में भले ही प्रदूषण ज्यादा नहीं है। लेकिन, नवंबर के पहले सप्ताह में पराली का धुआं बढ़ने से प्रदूषण बढ़ सकता है। इसके रोकने के लिए यदि कारगर कदम नहीं उठाया गया तो पिछले साल के मुकाबले प्रदूषण ज्यादा भी हो सकता है।
इस रिपोर्ट में सीएसई ने पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के 67 शहरों में फैले 156 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों से डाटा लेकर जनवरी 2018 से लेकर अक्टूबर 2021 तक की वायु गुणवत्ता का विश्लेषण किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020-21 में सर्दी के मौसम में 23 दिन हवा की गुणवत्ता गंभीर या खतरनाक थी।
Read More Stories:
प्रदूषण का बढ़ना चिंताजनक
वहीं इस साल मानसून के दौरान 96 दिन पीएम-2.5 का स्तर मानक के अनुरूप रहा। लेकिन, गर्मी के मौसम में प्रदूषण अधिक था। सीएसई की कार्यकारी निदेशक ने कहा कि, गर्मी के मौसम में प्रदूषण बढ़ना भी चिंताजनक है। वहीं सर्दी में प्रदूषण की स्थिति इस बार पर निर्भर करेगी कि उसे रोकने के लिए कितने त्वरित कदम उठाए गए। सीएसई के अनुसार, अक्टूबर और नवंबर के आसपास प्रदूषण में पराली की भूमिका 40 फीसद तक पहुंच जाती है।