झारखंड़ डेस्क- झारखंड़ के जमशेदपुर से एक अनोखा मामला सामने आया जहां पर जिन्दगी के लिए जंग लड़ रही महिला को खून की सख्त जरुरत पड़ी। तभी रांची की उस महिला को उस वक्त राहत की सांस आई जब एक शख्स उसे बल्ड देने के लिए आगे आया और उसकी जान बच सकी।
दरअसल, उस महिला को बॉम्बे ब्लड ग्रुप का खून चाहिए था। आमतौर पर हम सभी ने A, B, AB और O बल्ड ग्रुप के बारे में सुना है। बॉम्बे ब्लड ग्रुप के बारे में बेहद ही कम लोग जानते हैं या कम ही लोगों ने इसके बारे में सुना होगा। ये बल्ड ग्रुप कम ही लोगों में मिलता है और इतनी ही दुर्लभता से मिल पाता है।
झारखंड में इस ग्रुप के 7 ही डोनर
सदर अस्पताल के सुपरिटेंडेंट ने बताया कि, अस्पताल में पहली बार ऐसा मामला आया है जब किसी युवती का ब्लड ग्रुप बॉम्बे ब्लड ग्रुप है। यह ब्लड ग्रुप बहुत दुर्लभता से पाया जाता है। पूरे झारखंड में इस ग्रुप के 7 ही डोनर हैं। जानकारी के मुताबिक, बॉम्बे ब्लड ग्रुप के लोगों में शुगर मॉलिक्यूल्स नहीं बन पाते।
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इनमें कैपिटल एच एंटीजन नहीं होता है इसलिए ये किसी भी ब्लड ग्रुप में नहीं आते। लेकिन इनके प्लाज्मा में एंटीबॉडी ए, बी और एच पाए जाते हैं। दूसरे लोगों की तरह सामान्य होते हैं। इन्हें कोई शारीरिक समस्या नहीं होती।