पंजाब डेस्क:पंजाब में बिजली संकट की चिंताएं एकबार फिर बढ़ने लगी हैं। पंजाब में भी ब्लैकआउट का खतरा अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। इसकी बड़ी वजह ये है कि, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की विभिन्न सहायक कंपनियों की ओर से अपर्याप्त ईंधन आपूर्ति के चलते पंजाब के ताप संयंत्रों को कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश संयंत्रों में एक-दो दिनों के जीवाश्म ईंधन का भंडारण बचा है और इस वजह से वे न्यूनतम क्षमता पर काम कर रहे हैं। इसकी जानकारी रविवार को राज्य के अधिकारियों ने दी है।
सीएम चरणजीत चन्नी ने केंद्र सरकार से मांग की ये मांग
कोयले की कमी न हो इसके लिए राज्य भर में रोजाना तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती की गई है। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि, वह बिजली संकट से निपटने के लिए कोटा के अनुसार राज्य को कोयले की आपूर्ति तुरंत मुहैया कराए। मुख्यमंत्री ने शनिवार को कोयले की आपूर्ति में कमी के बीच बिजली की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि, अपर्याप्त कोयला प्राप्त होने के कारण सभी थर्मल प्लांट बिजली की पूरी क्षमता से उत्पादन करने में असमर्थ हैं।
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