पंजाब डेस्क- पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सींह के इस्तीफे के बाद आज यानि 20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। बता दें, चरणजीत सिंह चन्नी को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की अगुआई में शपथ दिलाई लगई । चन्नी को कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया है, जिन्होंने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया था। चरणजीत सिंह चन्नी को कल पार्टी विधायक दल का नया नेता चुन लिया गया था।
चन्नी एक दलित सिख नेता हैं, और लगातार तीन बार रह चुके विधायक हैं। रणजीत सिंह चन्नी के साथ ही सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी (ओपी सोनी) ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ली। राजभवन में 41 लोगों को आने की अनुमति मिली थी। इस कार्यक्रम में बड़े नेता मौजूद रहे लेकिन, कैप्टन अमरिंदर नहीं पहुंचे। बतादें, रंधावा एक सिख चेहरा हैं, वहीं ओपी सोनी हिंदू नेता हैं।
अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग को लेकर आगे बढ़े थे चन्नी
चमकौर साहिब से विधायक 49 साल के चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री और राज्य में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। इसी के साथ बता दें कि वे पंजाब के 16 मुख्यमंत्री बने हैं, वह रामदसिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस मार्च 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले 32 फीसदी दलित मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।
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चन्नी प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली-बीजेपी सरकार के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री चन्नी अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग को लेकर आगे बढ़े थे, क्योंकि अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार लोगों की आकांक्षाओं के मुताबिक काम करने में विफल रही है और यहां तक कि 2017 के विधानसभा चुनाव के वादों को लागू करने में भी विफल रही है।