हरियाणा डेस्क- करनाल के बसताड़ा टोल पर बीते महीने 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद से ही किसान गुस्से में थे। जिसके चलते उन्होंने करनाल में एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई समेत कई और मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। बतादें, किसानों की मुख्य मांग तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित करना था। दरअसल, किसानों का कहना था कि आयुष सिन्हा पुलिसकर्मियों से यह कहते हुए सुने गए थे कि अगर वे सीमा पार करते हैं तो किसानों का सिर फोड़ दें। इस बयान से तथाकथित बयान से किसान भड़क गये। इसके बाद वे करनाल जिला मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठ गये हैं।
करीब चार घंटे तक चली मैराथन बैठक
इससे पहले किसानों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच करीब चार घंटे तक मैराथन बैठक चली। जिसके दौरान बैठक में किसानों ने लाठीचार्ज वाली बात को जोर शोर से उठाया और एसडीएम के खिलाफ सख्त कार्रवही करने की मांग की। इसके अलावा किसानों ने मीटिंग में मामले की न्यायिक जांच, मृतक किसान सुशील के आश्रितों को मुआवजे के साथ नौकरी की भी मांग की। इसी के साथ किसानों ने कहा कि वो डीसी करनाल की जांच से संतुष्ट नहीं हैं।
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28 अगस्त की हिंसा में एक किसान की हुई थी मौत
किसानों ने कहा है कि 28 अगस्त की हिंसा में एक किसान की मौत हो गई, लेकिन, प्रशासन ने इस आरोप को खारिज कर दिया। जिससे किसानों में आक्रोश है। हालांकि इस बीच किसानों के साथ कई दौर की बातचीत हुई। लेकिन, हर बार वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला। ऐसे में अब एक बार फिर किसान संगठन और प्रशासनिक अधिकाराकारियों के बीच वार्ता हो रही है उम्मीद की जा रही है कि आज कोई न कोई निकाला जाएगा।