पंजाब डेस्क- पंजाब और हरियाणा कोर्ट ने फैमिली कोर्ट द्वारा पत्नी की मानसिक प्रताड़ना के चलते पति को तलाक की अनुमति दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा है। 50 प्रतिशत से ज्यादा सुनने में अक्षम एक व्यक्ति ने हिसार फैमिली कोर्ट में दावा किया था कि पत्नी के मानसिक उत्पीड़न के चलते उसका वजन 21 किग्रा तक कम हो गया था। पीड़ित शख्स की पत्नी ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि पत्नी ने पति के खिलाफ जो आपराधिक मुकदमें और शिकायतें दर्ज की थी वह सभी गलत पाई गईं। उच्च न्यायालय ने इसे मानसिक उत्पीड़न माना और अपील को सुनने से इनकार कर दिया।
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पीड़ित शख्स के आरोपों से महिला का इनकार
बतादें, युगल ने 2012 में शादी की थी। शख्स बैंक में काम करता है जबकि महिला हिसार में ही एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है। शादी के बाद दोनों की एक बेटी है जो अभी पिता के साथ रहती है। पीड़ित शख्स के आरोपों के मुताबिक, उसकी पत्नी गुस्सैल स्वभाव की है और बात-बात पर लड़ती रहती है और उसने कभी भी परिवार के साथ खुद को मिलाने की कोशिश नहीं की।
शख्स के मुताबिक उसकी पत्नी छोटी-छोटी बातों पर बड़ा हंगामा करती थी जिसके चलते उसे अपने परिवार वालों और रिश्तेदारों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता था। वहीं पति के आरोपों से इनकार करते हुए महिला ने कोर्ट को बताया कि उसने अपनी सारी वैवाहिक जिम्मेदारियां प्रेम और सम्मान के साथ निभाई हैं। महिला ने यह भी दावा किया कि शादी के छह महीने बाद उसका पति और उसके परिवार के लोग उसे सताने लगे और दहेज की भी मांग करने लगे थे।
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2016 में ही छोड़ दिया था महिला ने घर
घर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि महिला ने 2016 में ही घर छोड़ दिया था और अपनी बेटी को भी ससुराल से अपने साथ नहीं ले गई थी। यही नहीं महिला ने बेटी से कभी मिलने की भी कोशिश नहीं की। कोर्ट के सामने यह भी सामने आया कि पति के परिवार वालों ने कभी महिला से दहेज की मांग नहीं की बल्कि शादी के बाद उसकी उच्च शिक्षा के लिए खर्च भी दिया था।