इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के हालात किसी से छुपे नहीं है। ऐसे में अफगानिस्तान में लगातार तालिबान की मदद कर रहा है और इसका पाकिस्तान को अंजाम भी भुगतना पड़ रहा है। आलम ये है कि, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। दरअसल, पाकिस्तान रुपया लगातार अपनी चमक खोता जा रहा है। इस साल जनवरी में, 159.6 पाकिस्तानी रुपये का मूल्य एक अमेरिकी डॉलर आंका गया था। इसका वर्तमान मूल्य 167.05 डॉलर प्रति डॉलर है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमा गई है
जब अगस्त 2018 में प्रधानमंत्री इमरान खान ने पदभार ग्रहण किया था, तो पाकिस्तानी रुपये का मूल्य लगभग 121-122 प्रति डॉलर था। स्पष्ट रूप से, जब से खान ने पदभार संभाला है, मुद्रा में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। मुद्रा के अवमूल्यन से कर्ज के बोझ पर और दबाव पड़ेगा क्योंकि आयात महंगा हो जाएगा, और यह तब है जब देश के खाद्य आयात में काफी वृद्धि हुई है। स्वाभाविक रूप से, सबसे बुरी तरह देश की गरीब आबादी प्रभावित है। भले ही पाकिस्तान प्रशासन अफगानिस्तान में तालिबान की सहायता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, मगर साथ ही उसकी खुद की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।