नेशनल डेस्क: कोरोना की जंग जीतने के लिए तेजी से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। इस बीच कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने कोविड की तीमंत्रालय के अनुमान के मुताबिक यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकती है।
इसका सबसे प्रमुख कारण कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव है जिसमें सबसे अधिक संख्या में बच्चे संक्रमण से प्रभावित हुए। जुलाई महीने की शुरुआत में बच्चों में कोविड-19 मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूल खुलने से पहले अभीभावकों को बच्चों को टीका लगाने के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है।
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दो साल से अधिक उम्र के बच्चों का चल रहा परीक्षण
इससे पहले एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. ने कहा था कि बच्चों के लिए भारत बायोटेक, फाइजर और जायडस के टीके जल्द ही उपलब्ध होंगे। “दो साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन का दिल्ली एम्स और पांच अन्य अस्पतालों में परीक्षण चल रहा है, और अंतरिम डेटा बहुत सकारात्मक और उत्साहजनक है। आंकड़ों के अंतिम विश्लेषण के बाद यह सितंबर-अक्टूबर में बच्चों के लिए उपलब्ध होगा। फिलहाल अभी बच्चों के लिए जो टीका उपलब्ध है उसमें 12 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।
अक्टूबर के आस-पास आ सकती है तीसरी लहर
गृह मंत्रालय के निर्देश पर गठित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के द्वरा गठित विशेषज्ञों की एक समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि कोविड-19 की तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास अपने पीक पर हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां बाल चिकित्सा सुविधाएं, डॉक्टर, कर्मचारी, वेंटिलेटर और एम्बुलेंस जैसी उपकरणों की कमी है वहां बच्चों के अधिक संक्रमित होने की संभावना है। समिति ने यह रिपोर्ट पीएमओ को सौंप दी है।