नेशनल डेस्क: मैसेज ऐप व्हाट्सएप को टक्कर देने के लिए स्वदेशी विकल्प सैंड्स नाम के ऐप बनाई गई है। हालांकि अभी तक इसका इस्तेमाल सिर्फ सरकारी कर्मचारियों और उन एजेंसियों के बीच आंतरिक रूप से किया जा सकता है, जो सरकार से जुड़े हैं। व्हाट्सऐप की तरह नए एनआईसी प्लेटफॉर्म का यूज किसी भी व्यक्ति के मोबाइल नंबर या ईमेल के साथ सभी प्रकार के कम्युनिकेशन के लिए किया जा सकता है।
जानें सैंड्स एप के बारे में
दरअसल, स्वदेशी मैसेजिंग ऐप विकसित करने का विचार मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान ही आया था, जबकि इस पर वास्तविक काम 2020 की शुरुआत में शुरू हुआ। मार्च 2020 में कोरोना महामारी फैल गई और देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया तो सरकार ने इस प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक किया, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों के बीच बातचीत को सुरक्षित करने की जरूरत महसूस की गई थी, जो घर से काम करते समय संवेदनशील नीतिगत मामलों पर संवाद कर रहे थे। एनआईसी ने अपना पहला वर्जन अगस्त 2020 में जारी किया।
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रजिस्ट्रेशन करने के लिए वैध मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी की आवश्यकता
अन्य ऐप की तरह ही पहली बार यूजर को रजिस्ट्रेशन करने के लिए इसे एक वैध मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है। Sandes के एंड्रॉइड और iOS वर्जन https://gims.gov.in पर उपलब्ध हैं। सैंड्स में ईमेल और मोबाइल आधारित सेल्फ रजिस्ट्रेशन, वन-टू-वन और ग्रुप मैसेजिंग, फाइल और मीडिया शेयरिंग, ऑडियो वीडियो कॉल के साथ चैटबॉट सक्षम डैशबोर्ड शामिल हैं।
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