चंडीगढ,2नवम्बर। चंडीगढ की फास्ट ट्रेक कोर्ट ने दस साल की भांजी के साथ बलात्कार करने के मामले में नेपाल निवासी दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा व साढे तीन लाख रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। दोनों भाइयों को अदालत ने दोषी करार दिया था।
राष्ट्रीय स्तर पर बलात्कार का यह मामला तब चर्चा में आया जबकि दस साल की पीडिता गर्भवती होने के कारण गर्भ समापन के लिए अपनी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची। गर्भ 30 सप्ताह का होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति नहीं दी। इसके बाद पिछले अगस्त में बलात्कार पीडिता ने चंडीगढ के अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया था।
पुलिस ने इस मामले में पीडिता के बयान के आधार पर एक भाई को गिरफ्तार किया था। लेकिन जब पीडिता द्वारा जन्म दी गई बच्ची का डीएनए इस अभियुक्त से नहीं मिला तो दूसरे भाई के डीनएनए से मिलान कराया गया और मिल जाने पर उसे गिरफ्तार किया गया।