हरियाणा डेस्क: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला टोहाना पहुंचे यहां पहुंच कर उन्होंने कोविड बचाव की राहत सामग्री को वितरित किया। इस दौरान को टोहाना के नागरिक अस्पताल भी पहुंचे वह उन्हें डॉक्टर को भी कोविड राहत की सामग्री वितरित की वह आश्वस्त किया जरूरत के हिसाब से कांग्रेस निशुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध करवाएगी।
सुरजेवाला ने सरकार पर किए जमकर वार
इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार पर जमकर वार किए हुए कहा कि सरकार फेल नहीं बल्कि लापता हो गई है >उन्होंने कहा कि वह अब लगातार आठ सवाल सरकार से पूछ रहे हैं जिनका जवाब केंद्र व राज्य सरकार को जरूर देना चाहिए।
1.न गांव में आरटीपीसीआर टेस्टिंग है, न दवा, न इलाज। ऐसे में फैल हुए कोरोना पर नियंत्रण कैसे होगा?
2. हरियाणा में ऑक्सीजन का संकट नहीं, इमरजेंसी है। दिल्ली में 85,000 सक्रिय मरीजों पर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है, पर हरियाणा को 100,000 सक्रिय कोरोना मरीजों पर मात्र 282 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है। ऐसा क्यों? असलियत में हरियाणा को ऑक्सीजन की उपलब्धता 225 मीट्रिक टन प्रतिदिन से अधिक नहीं। खट्टर सरकार इसका क्या हल निकालेगी?
3. हरियाणा के 12 जिलों को मात्र आधा मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही दी जा रही है। यह भेदभाव क्यों? यही नहीं, घर में संक्रमित ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों को ऑक्सीजन का कोटा ही नहीं दिया जा रहा। ऐसा क्यों?
4. खट्टर सरकार ने हरियाणा के 85 शहरों व कस्बों में से अधिकतर मध्यम स्तर व छोटे कस्बों में गैरकोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी है। तो फिर ऐसे में इमरजेंसी डिलीवरी, एक्सीडेंट केस, कैंसर मरीज, लिवर मरीज, किडनी मरीज, अन्य बीमारियों के मरीज इलाज के लिए कहां जाएं? 5. खट्टर सरकार ने प्राईवेट अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाने का अधिकार भी अपने पास रख लिया है। नतीजा यह है कि मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं व प्राईवेट अस्पताल कोविड अस्पताल न
होने की दुहाई दे मरीजों को भर्ती ही नहीं कर रहे। कोविड अस्पताल बनाने में भी भ्रष्टाचार के इल्जाम
सामने आए हैं।
6. खट्टर सरकार ने कोरोना निरोधक टीके को लेकर हरियाणा की जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है।
7. हरियाणा में 45 वर्ष से अधिक आयु के 37 लाख लोगों को ही पहला टीका लगा, जबकि दूसरा टीका मात्र 8 लाख लोगों को ही मिला है। 45 से अधिक आयु के लोगों के लिए भी टीका उपलब्ध
नहीं, तो 45 से कम आयु के लोगों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा खुद लगाया जा सकता है।
7. प्रदेश भर में जीवनरक्षक दवाईयों की काला बाजारी खुले आम हो रही है। रेमडिसिविर इंजेक्शन, आईवरमेक्टिन इंजेक्शन, टोसिलुजुमैब इंजेक्शन उपलब्ध नहीं, पर ब्लैक मार्केट में हजारों लाखों रूपये में ये इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं।
8. प्रदेश भर में जीवनरक्षक दवाएं तो नहीं पर शराब माफिया का खुला खेल चल रहा है। शराब की सप्लाई फुल और जीवनरक्षक दवाएं गुल’- यही खट्टर दुष्यंत चौटाला की जोड़ी का नारा बन गया लगता है।